पुनर्जागरण की बाट जोहता, एक ठिठका हुआ मुल्क

एकरसता मानवता द्वारा संचित संस्कृति और मूल्यों के वैविध्य को संरक्षित कर सके, इसके लिए उन देशों की जिम्मेदारी ज्यादा बड़ी है, जो सभ्यता के विकास में पिछली तीन सदियों में पीछे रहे गए. अब वे देश अपने आर्थिक विकास के लिए तेज गति से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.

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